वित्‍तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (Financial Stability and Development Council, FSDC)

वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (Financial sustainability report) भारत की वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और वैश्विक तथा घरेलू कारकों से उत्पन्न जोखिमों के प्रति इसके लचीलेपन का समग्र आकलन करती है। इसकी रिपोर्ट तैयार करता है वित्‍तीय स्थिरता एवं विकास परिषद आईये जानते हैं वित्‍तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (Financial Stability and Development Council, FSDC) के बारे में महत्‍वपूर्ण तथ्‍य  

वित्‍तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (Financial Stability and Development Council, FSDC)

वित्‍तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (Financial Stability and Development Council, FSDC)

भारत सरकार ने वित्‍तीय स्थिरता, वित्‍तीय क्षेत्र विकास एवं अंतर-नियामक समन्‍वय के लिए तंत्र के सशक्तिकरण और संस्‍थात्‍मक संगठन के लिए वित्‍तीय स्थिरता एवं विकास परिषद का गठन वर्ष 1998 में किया था और इस समिति का विचार भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने दिया था। वित्‍तीय स्थिरता एवं विकास परिषद के गठन का मुख्‍य उद्देश्‍य यह था कि जब वैश्र्विक आर्थिक मंदी ने समस्‍त विश्‍व की संस्‍थाओं एवं सरकारों पर आर्थिक संपत्तियों के नियमन हेतु दबाव डाला। तब इस परिषद को भविष्‍य में इस प्रकार की घटनाओं को बेहतर तरीके से रोकने एवं निपटने में भारत के एक कदम के तौर पर देखा गया। 
वित्‍तीय स्थिरता एवं विकास परिषद का मुख्‍य कार्य अन्‍तर विनियामक सहयोग तथा वित्‍तीय क्षेत्र विकास मुद्दों का समाधान करना है। यह वित्‍तीय शिक्षा तथा वित्‍तीय समावेशन पर भी ध्‍यान देती है। वित्‍तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए, अन्‍तर-विनियामक समन्‍वय को बढ़ाने और वित्‍तीय-क्षेत्रक विकास के उत्‍थान के लिए तंत्र के सुदृढ़ीकरण तथा सांस्‍थानीकरण के उद्देश्‍य से सरकार ने जी-20 पहल की रूपरेखा पर दिसम्‍बर, 2010 में एक स्‍तरीय वित्‍तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की स्‍थापना की।

वित्‍तीय स्थिरता एवं विकास परिषद का अध्‍यक्ष भारत के वित्‍त मंत्री होते हैं और इसके सदस्‍य भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर होते हैं। इस परिषद के संगठन में और भी कई सदस्‍य होते हैं। इस परिषद में अध्‍यक्ष किसी भी ऐसे व्‍यक्ति को परिषद की बैठकों में आमंत्रित कर सकता है, जिसकी उपस्थित वह बेहद आवश्‍यक समझता है। परिषद की एक उप-समिति होती है। वर्तमान समय में वित्‍तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की 15वीं बैठक की अध्‍यक्षता केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने की। जिसमें उन्‍होंने कहा कि सरकार के समक्ष मौजूद प्रमुख चुनौतियों सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समग्र प्रदर्शन में सुधार करना, अटकी पड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू करना एवं उन्‍हें आर्थिक द्ष्टि से लाभप्रद बनाना और निजी क्षेत्र के निवेश में वृद्धि करना भी शामिल है।

FSDC इनसे संबंधित रोचक तथ्‍य- 

  1. भारत में सबसे बड़ा म्‍यूचुअल फण्‍ड यूटीआई (UTI) है, जिसकी स्‍थापना वर्ष 1964 में की गई तथा वर्ष 1966 से इसने कार्य करना शुरू किया।
  2. भारत में अप्रैल, 1993 में केंद्र सरकार द्वारा बीमा क्षेत्र में सुधार देने हेतु मल्‍होत्रा समिति का गठन किया गया, जिसके सुझाव पर IRDA का गठन 19 अप्रैल, 2000 में किया गया।
  3. जनश्री बीमा योजना 10 अगस्‍त, 2000 को शुरू की गर्इ, इसने सामाजिक सुरक्षा समूह बीमा योजना और ग्रामीण समूह जीवन बीमा योजना की जगह ली।
  4. विश्‍व आर्थिक फोरम की नवम्‍बर, 2012 में जारी एक रिर्पोट के अनुसार, जीवन बीमा घनत्‍व के मामले में भारत विश्‍व के देशों में शीर्ष स्‍थान पर है।

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