विभाज्यता के नियम - Divisibility Rule in Hindi

विभाज्यता के नियम (divisibility rule) उन विधियों को कहते हैं जो सरलता से बता देते हैं कि कोई संख्या किसी दूसरी संख्या से विभाजित हो सकती है या नहीं। तो आईये जानते हैं विभाज्यता के नियम - Divisibility Rule in hindi - 

विभाज्यता के नियम - Divisibility Rule in Hindi

विभाज्यता के नियम - Divisibility Rule in Hindi

  • 2 से विभाज्य होने वाली संख्या- जिस संख्या के अन्त में 0 या कोई सेम संख्या (0, 2, 4, 6, और 8) होगी वह संख्या 2 से पूरी तरह विभाज्य होगी, चाहे यह संख्‍या कितनी भी बडी हो इससे कोई फर्क नहीं पडता
  • 3 से विभाज्य होने वाली संख्या- जिस संख्या का आंकिक योग फल 3 से विभाज्य होगा वह संख्या भी तीन से विभाज्य होगी जैसे763591242 तो 7+6+3+5+9+1+2+4+2=39
  • 4 से विभाज्य होने वाली संख्या- जिस संख्या के अंतिम दोनों अंक 4 से विभाज्य हों या किसी संख्या के अन्त में दो या दो से अधिक शून्य हों तो वो संख्या 4 से विभाज्य होगी जैसे 2528544 इस संख्या के अंतिम दोनों अंक 4 से विभाज्य हो जायेगें
  • 5 से विभाज्य होने वाली संख्या- किसी संख्या का अंतिम अंक 5 अथवा 0 हो तो वह संख्या 5 से विभाज्य होगी जैसे - 2525325 
  • 6 से विभाज्य होने वाली संख्या- अगर कोई संख्या 2 और 3 से विभाज्य है तो वह संख्या 6 से भी विभाज्य होगी
  • 8 से विभाज्य होने वाली संख्या- किसी संख्या के अंतिम तीनों अंकों से निर्मित संख्या 8 से विभाज्य हो तो वह संख्या भी 8 से विभाज्य होगी
  • 9 से विभाज्य होने वाली संख्या- यदि किसी संख्या के अंकों का योग 9 से विभाज्य हो तो वह संख्या भी 9 विभाज्य होगी
  • 10 से विभाज्य होने वाली संख्या - कोई भी संख्या जिसके अन्त में 0 हो वह संख्या 10 से विभाज्य होगी
  • 11 से विभाज्य होने वाली संख्या - यदि किसी संख्या के सम स्थानों के अंको और विषम स्थान के अंको का योग में अन्तर शून्य हो या 11 से विभाज्य हो तो वह पूरी संख्या 11 से विभाज्य होगी ।
    जैसे :- 593779901 को देखे की यह 11 से विभाज्य है की नही
    सम स्थान के अंको का योग =0+9+7+9 =25
    विषम स्थान के अंको का योग =1+9+7+3+5 = 25
    चूंकि इन दोनों के योग में अन्तर शून्य है इसलिए यह पूरी संक्या 593779901 में भी 11 से भाग हो जायेगा 
Tag - rule of severability, doctrine of severability in hindi

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