गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कम्‍पनियाँ - Non Banking Financial Companies in Hindi

भारत में अनेक गैर वित्‍तीय संस्‍थाएं हैं गैर बैंकिंग वित्‍तीय संस्‍थाएं ऐसी वित्‍तीय संस्‍थाएं होती हैं जो रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के अन्‍तर्गत बैंकिंग कम्‍पनी नहीं होती है और न ही उसका निमार्ण भारतीय बैंकिंग नियमन अधिनियम के अतंर्गत होता है, लेकिन इसके कार्य का तरीका बैंकिंग कम्‍पनी की तरह ही होता है। इन्‍हें गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कम्‍पनियाँ (Non Banking Financial Companies) कहते हैं आईये जानते हैं  बैंकिंग वित्‍तीय कम्‍पनियाँ (Non Banking Financial Companies) के बारे में महत्‍वपूर्ण तथ्‍य - 

गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कम्‍पनियाँ (Non Banking Financial Companies)

गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कम्‍पनियाँ (Non Banking Financial Companies)

 NBFC के प्रमुख कार्य निम्‍नलिखित हैं

  • गैर बैंकिंग कम्‍पनियों के दो प्रमुख कार्य होते हैं जनता से का पैसा अपने पास जमा करना तथा जनता को ऋण प्रदान करना। इसलिए इन्‍हें बैंकिंग कम्‍पनी नहीं माना जाता है ये कम्‍पनियां आकर्षक ब्‍याज देकर जनता से जमा प्राप्‍त करती है तथा धन एकत्रित करती हैं।
  • गैर बैंकिंग कम्‍पनियों के द्वारा थोक व्‍यापारियों, फुटकर व्‍यापारियों व लघु पैमाने के उद्योगों तथा स्‍वरोजगारों में लगे लोगों को ऋण वित्‍त, पट्टा वित्‍त तथा किराया क्रय व्‍यवसाय आदि का कार्य करती हैं।
  • गैर बैंकिंग कम्‍पनियां प्राय: उन क्षेत्रों के लिए ऋण की व्‍यवस्‍था करती हैं जहां ऋण अन्‍तराल विघमान है।
  • ऋण स्‍वीकृत करने के आसान तरीके, जमा पर अधिक ब्‍याज और ग्राहकों की जरूरतों के अनुसार लोच एवं कोई समय सीमा न होने के कारण हमारे देश में गैर बैंकिंग वित्‍त कम्‍पनियां वित्‍त प्रदान करने का महत्‍वपूर्ण स्‍त्रोत बन चुकी हैं।

गैर बैंकिंग वित्‍तीय कम्‍पनियों की भूमिका-

  • वर्तमान समय में गैर बैंकिंग वित्‍तीय कम्‍पनियों के व्‍यापारिक लेनदेनों की संख्‍या तथा मात्रा दोनों में ही पर्याप्‍त वृद्धि हुई है।
  • विगत वर्षों में गैर बैंकिंग वित्‍तीय कम्‍पनियों ने पट्टे, यंत्र उपकरण खरीदने, गृह निर्माण या खरीदने आदि के लिए वित्‍तीय व्‍यवस्‍था की है ।
  • किराया क्रय पद्धति पर मोटर गाडि़यों को खरीदने के लिए वित्‍त प्रदान किया है एवं अशों का भी व्‍यापार किया है।

रिजर्व बैंक के गैर बैंकिंग वित्‍तीय कम्‍पनियों संबंधी दिशा-निर्देश -


भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निजी क्षेत्र में नये बैंक के प्रवेश संबंधी दिशा-निर्देशों में विगत वर्षों में अच्‍छे रिकार्ड वाली गैर बैंकिंग वित्‍त कम्‍पनियों को निम्‍नलिखित मानदण्‍डों के आधार पर निजी क्षेत्र के बनने की अनुमति दी गई- 

  • गैर बैंकिंग वित्‍त कम्‍पनी की अघतन तुलना पत्र के अनुसार कम से कम 200 करोड़ रूपये की निवल सम्‍पत्ति होनी चाहिए जिसे तीन वर्षों के भीतर 300 करोड़ रूपये तक पहुंचाना होगा।
  • गैर बैंकिंग वित्‍त कम्‍पनी को पूर्व वर्ष AAA(अथवा इसके समकक्ष) क्रेडिट रेटिंग प्राप्‍त होनी चाहिए।
  • गैर बैंकिंग वित्‍त कम्‍पनी के पास कम से कम 12 प्रतिशत की पूंजी पर्याप्‍त उपलब्‍ध होनी चाहिए और इसकी निवल NPA 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • गैर बैंकिंग वित्‍त कम्‍पनी के पास कम से कम 25 लाख रूपये का शुद्ध निजी कोष होना रिजर्व बैंक ने अनिवार्य किया है।
  • गैर बैंकिंग वित्‍त कम्‍पनी द्वारा सार्वजनिक जमाओं पर अब जा सकेगा अभी तक इसके लिए 12.5 प्रतिशत की उच्‍चतम सीमा निर्धारित थी।
Tag - functions of non banking financial companies, non banking financial companies, types of non banking financial institutions, list of non banking financial companies in kolkata, top finance companies in india, top nbfc in india, nbfc example, list of nbfc companies applied for banking license, Non-Banking Financial Companies in India 

Comments

1. बैंक मंञ को आपके लिये बनाया गया है।
2. इसलिये हम अापसे यहॉ प्रस्‍तुत जानकारी और लेखों के बारे में आपके बहुमूल्‍य विचार और टिप्‍पणी की अपेक्षा रखते हैं।
3. आपकी टिप्‍पणी बैंक मंञ को सुधारने और मजबूत बनाने में हमारी सहायता करेगी।
4. हम आपसे टिप्पणी में सभ्य शब्दों के प्रयोग की अपेक्षा करते हैं।

Archive

हमसे सम्‍पर्क करें

Send